Tuesday 24 June 2014

Ravindra Jain with shivraj singh chouhan

Ravindra Jain

सत्यम् और सुन्दरं के बीच मे स्थापित है शिवम्।
सत्य बिना किसी प्रमाण के सत्य है, शिवं शाश्वत है और सुन्दरं निष्कलंक ।
सिंह को भय कैसा और चौहान का निशाना अचूक है।
इस तरह अपने नाम के अनुरूप शिव का राज्य भी अचल रहेगा।
साधना ही शिव की पार्वती हैं इसमें सन्देह को स्थान नहीं ।

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