Ravindra Jain
स्व.मुकेश जी के जन्मदिन पर एक अभिव्यक्ति---
सह्रदय सज्जन सभ्य सुसंस्कृत साधुओं जैसा वेश,
इल्म में गायक, शक्ल में नायक, क्रोध न मान न क्लेश।
मैं था स्नेह पात्र उनका, मुझपर थी कृपा विशेष,
जग से चले गए, यादों मे जीवित किन्तु मुकेश ।।
स्व.मुकेश जी के जन्मदिन पर एक अभिव्यक्ति---
सह्रदय सज्जन सभ्य सुसंस्कृत साधुओं जैसा वेश,
इल्म में गायक, शक्ल में नायक, क्रोध न मान न क्लेश।
मैं था स्नेह पात्र उनका, मुझपर थी कृपा विशेष,
जग से चले गए, यादों मे जीवित किन्तु मुकेश ।।
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