Wednesday 6 August 2014

धर्मेश तिवारी को श्रद्धांजलि

Ravindra Jain
आज एक वट वृक्ष ने गिरकर दुःख पहुँचाया भारी
छाया दाता आश्रय दाता जन जन का हितकारी
उज्जवल छवि स्वभाव से कोमल कृपाचार्य मनहारी
मानव धर्म का पालक पोषक वह धर्मेश तिवारी।
ऐसे मित्र जब खो जाएँ,
तो जी करता है घर छोड़कर वैरागी हो जाएँ।
परम पिता परमात्मा उस निर्मल आत्मा को शांति तथा परिजनों को धैर्य प्रदान करे।
मेरी सपरिवार भावभीनी श्रद्धांजली

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