Monday 4 August 2014

Ravindra Jain's tribute to Kishor Kumarji

Ravindra Jain
एक सदी में पैदा होते एक किशोर कुमार,
बहुआयामी प्रतिभा के स्वामी को नमन सौ बार।
कानों से प्राणों तक उनके गीतों का विस्तार,
बहुआयामी प्रतिभा के स्वामी को नमन सौ बार।
मुझे डराने को वे मेरे गीतों से डरते थे।
कहके रवीन्द्रनाथ मुझे वो संबोधित करते थे।
उनसे पाए स्नेह का ऋण मै सकता नहीं उतार।
बहुआयामी प्रतिभा के स्वामी को नमन सौ बार।।


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