Ravindra Jain
सुन्दर सुखद सुशांत सुपावन,तीर्थ शिरोमणि श्री वृन्दावन।
भू पर हरि का लीला धाम,वृन्दावन को कोटि प्रणाम।।
कृष्ण के जन्मोत्सव पर उनकी प्रेम भूमि वृन्दावन में गाने का दुर्लभ अवसर प्राप्त हुआ।
आनंद के उन पलों को आपके साथ बाँटकर शतगुणित करना चाहता हूँ। राधे राधे।।
सुन्दर सुखद सुशांत सुपावन,तीर्थ शिरोमणि श्री वृन्दावन।
भू पर हरि का लीला धाम,वृन्दावन को कोटि प्रणाम।।
कृष्ण के जन्मोत्सव पर उनकी प्रेम भूमि वृन्दावन में गाने का दुर्लभ अवसर प्राप्त हुआ।
आनंद के उन पलों को आपके साथ बाँटकर शतगुणित करना चाहता हूँ। राधे राधे।।
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